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कांग्रेस से गोहद के टिकिट में भी बीजेपी नेता पूर्व विधायक की भूमिका

गोहद/ भिंड । गोहद से कांग्रेस के प्रत्यासी को बदलने और केशव देसाई को टिकिट दिलाने की भूमिका भिंड जिले में की गई थी। जिसमें बीजेपी के नेता और पूर्व विधायक के साथ एक रिटायर कर्मचारी जो कांग्रेस की राजनीति कर रहे हैं। बीजेपी के नेता को जीतने की पूरी साजिश है। राजनीति में कुछ भी संभव है। को हमेशा देखने सुनने में आता रहा है। चाहे वह किसी भिवराजनेतिक दल का मामला हो। वर्तमान में मध्यप्रदेश में विधानसभा के चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है और अधिकतर सब्जी राजनेतिक पार्टियों के द्वारा अपने प्रत्याशियों के टिकिट का वितरण भी किया जा चुका है। इस टिकिट वितरण के लिए प्रदेश की दो प्रमुख राजनेतिक पार्टियों के द्वारा डोवसे तीन बार सर्वे करवाया गया। और उस सर्वे में सभी के अपने अपने दावे रहे जिसमें विजय प्रत्यासी के लिए स्टडी की गई । और आखिरकार दोनो ही प्रतियों ने सर्वे का बहाना कर अपनी मर्जी से टिकिट का वितरण किया। जिसमें दोनो ही राजनेतिक पार्टियों ने सर्वे की आड़ में सिटिंग विधायक के टिकिट को हो दरकिनार कर दिया। ओरेक दूसरे के कुछ खास लोगों के सामने कमजोर प्रत्यासी को टिकिट वितरण का कार्य किया गया। जिसका उद्घाटन आज दोनो कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध सामने आ रहा है। यह कौन सा सर्वे है। यह न ही जनता को समझ आया और न ही कार्यकर्तों को। हां इस सर्वे से दोनों ही प्रतियों के वरिष्ठ नेतृत्व ने अपने संबंधों को अवश्य मैनेज या मजबूत बनाए रखने का प्रयास किया है। 

 वर्तमान में भिंड जिले की गोहद विधान सभा के लिए कांग्रेस से केशव देसाई को टिकिट दिया गया है। जिसका कार्यकर्ता में तो विरोध है ही साथ हिबजंता भी नकार रही है। जबकि वर्तमान में यहां से मेवाराम जाटव कांग्रेस के विधायक हैं और वह निर्विवाद रहे । उसके बाद भी उनका टिकिट कटा गया। जो यह सोचने पर मजबूर है कि यह कैसा सर्वे है कि सिटिंग विधायक का टिकिट सर्वे से बाहर है। यह एक मैनेज किया हुआ टिकिट दिखाई दे रहा है जो बीजेपी के प्रत्यासी को जीतने के लिए किया गया है। 
सूत्रों से जानकारी अनुसार वर्तमान में बीजेपी के पूर्व विधायक की मुख्य भूमिका है। यह दोनो ही पार्टियों के वरिष्ठ नेतृत्व के संपर्क में है। बताया जाता है केशव देसाई को टिकिट दिलाने के लिए भिंड में एक रिटायर कर्मचारी जो अब राजनीति कर रहे हैं उनके द्वारा भूमिका बनाई गई थी। उन्होंने गोहद से पूर्व विधायक और बीजेपी नेता के साथ मिलकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व से जीतने की बात कहकर टिकिट दिलवाया है। जबकि जिसे टिकिट दिया गया है उसपर मारपीट, अवैध वसूली, शासकीय राशि को हड़पने के आरोप लगे हैं। जिसे यहां की जनता नकार रही है वहीं कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी है। उसे कांग्रेस ने जबरन थोप दिया है। जो बीजेपी के लिए वॉक ओवर है। किसानों का करोड़ों रुपए बाप बेटे डकार गए इसकी पुष्टि चंबल संभाग आयुक्त ने की थी। उसे किसान किसी भी कीमत पर अपना प्रतिनिधि स्वीकार नहीं करेंगे। 

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