Uncategorized

एसबीआई जनरल इंश्योरेंस को वित्त वर्ष 22-23 में 184 करोड़ रुपये का लाभ


10,888 करोड़ रुपये का जीडब्‍लूपी हासिल किया

~ विकास की मजबूत गति जारी , वित्त वर्ष 21-22 के दौरान जीडब्‍लूपी में 17.6% की वृद्धि ~

– वित्त वर्ष 22-23 में 17.6% की वृद्धि के साथ जीडब्ल्यूपी बढ़कर 10,888 करोड़ रुपये हुआ

– 40% की वृद्धि के साथ शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 22-23 में बढ़कर 184 करोड़ रुपये हुआ

मुंबई । भारत की प्रमुख जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में से एक, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने वित्त वर्ष 22-23 के लिए अपने वित्तीय नतीजों की घोषणा कर दी है। विकास की मजबूत गति को जारी रखते हुए, कंपनी ने वित्त वर्ष 23 में 184 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है, जो वित्त वर्ष 22 के मुकाबले 40% अधिक है। पिछले साल के मुकाबले 17.6% फीसदी की वृद्धि के साथ 10,888 करोड़ रुपये के सकल लिखित प्रीमियम (जीडब्‍लूपी) के साथ कंपनी ने समग्र कारोबार में मजबूत वृद्धि दर्ज की है।

अपनी पहुंच और डिजिटलीकरण पर जोर के साथ कंपनी के विविध उत्पाद पोर्टफोलियो ने एसबीआई जनरल को वित्त वर्ष 23 में 22 करोड़ से अधिक ग्राहकों के साथ 4.21 फीसदी तक बाजार हिस्सेदारी को सुधारने में मदद की है। कंपनी ने घर, स्वास्थ्य, व्यक्तिगत दुर्घटना, वाणिज्यिक क्षेत्र और फसल सहित व्यवसाय के विभिन्न क्षेत्रों में भी मजबूत वृद्धि प्रदर्शित की है।

कंपनी के राजस्व में भी इजाफा बढ़ोतरी हुई है और वित्त वर्ष 21-22 के 178 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 22-23 में कंपनी का कर पूर्व लाभ (पीबीटी) 244 करोड़ रुपये रहा। साथ ही इसका सॉल्वेंसी अनुपात 1.72 था, जो इसकी मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।

कंपनी के प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ किशोर कुमार पोलुदासू ने कहा, “एसबीआई जनरल ने वित्त वर्ष 22-23 में लगातार वृद्धि जारी रखी है, और परिचालन के केवल 13 वर्षों मे इसने 10,000 करोड़ रुपये जीडब्ल्यूपी के बेंचमार्क को पार करने वाली शुरुआती कंपनियों में से एक होने की उपलब्धि हासिल की है। यह कंपनी के मजबूत उत्पाद पोर्टफोलियो, रणनीतिक कॉर्पोरेट गठजोड़, हैल्थ वर्टिकल की शुरुआत और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए ग्राहक यात्रा के डिजिटलीकरण का परिणाम है। सभी के लिए बीमा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से, हम ऐसे सरल उत्पाद बनाना जारी रखेंगे, जो हमारे ब्रांड में ग्राहकों के भरोसे को अहमियत देते हैं और उसका लाभ उठाते हैं।

Related Articles