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घोटालेबाज समिति प्रबंधक ने लगाई फिर से बहालीे की जुगत
टीकमगढ़ । जिले के पलेरा तहसील अंतर्गत आने वाले पुरैनिया प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के तत्कालीन समिति प्रबंधक जगदीश यादव जो पूर्व के वर्षोँ मेें किए गए घोटालों के मामले में सेवा से पृथक हुए थे वह फिर से इसी विभाग में नियुक्ित कराने की जुगत लगाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए गत 22 दिसम्बर को जिले के उप पंजीयक कार्यालय सहकारी संस्थाएं में आवेदन दिया है। हालांकि उनके विरूद्ध प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट में एक मामला इसी संबंध में विचाराधीन चल रहा है।
आवेदन में जगदीश यादव ने उल्लेख किया है कि उनके विरूद्ध थाना पलेरा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट 104/2011 धारा 188, 406, 420, 409, 467, 46, 471 के तहत मामला दर्ज हुआ था। यह मामला जतारा के न्यायालय मेें प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के यहां प्रस्तुत किया गया था। जिस पर 23 दिसम्बर 2023 को आदेश पारित किया गया था। जगदीश प्रसाद ने पत्र में उल्लेख करते हुए कहा कि जतारा के अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा जब उन्हें दोष मुक्त किया गया है ताे वह सहायक समिति प्रबंधक े पद पर नियुक्त हाे सकते हैं। गौरतलब है कि फिर से शासकीय सेवाओं में जुगत लगाने वाले जगदीश यादव पर अनेक ऐसे आरोप है जिन्होंने पुरैनिया सोसाइटी में समिति प्रबंधक के पद पर रहते हुए फर्जी तरीके से मृत लाेगों एवं काल्पनिक रूप से कृषकों के नाम जमीन दिखाकर ऋण वितरण का कार्य कागजों में दिखाते हुए स्वयं लाखों रुपए की रािश डकारने का काम किया है। उक्त मामले में विभाग ने एक समिति का गठन कर जांच कराई थ्ाी। जिसमें जांच अधिकारी एनएस राय, राजेश गुप्ता, सीपी सोनी, डीके जैन, एनके जैन सहकारिता रहे थे। इस कमेटी ने जांच प्रतिवेदन में एक एक घोटाले की जांच कर वरिष्ठ अधिकारियों के सामने रख खोल कर रख दी थी। इस विभाग के मुखिया अब घोटालेबाज समिति प्रबंधक को उनके अावेदन के आधार पर सोसाइटी में पुन: वापसी करते हैं या वह इसी तरह से सेवाओं से वंचित रहेंगे यह बात सहकारिता से जुड़े लोग चर्चा का विषय बनाए हुए हैं।
ठगी का शिकार होने वाले दो ने की शिकायत : पुरैनिया सहकारी समिति के तत्कालीन समिति प्रबंधक जो विभाग की सेवाओं से पृथक चल रहे हैं उनके विरूद्ध 2 जनवरी 2024 को पलेरा तहसील के निबावरी निवासी किशोरी ढीमर ने आवेदन देते हुए आरोप लगाया है कि वह पूर्व में कृषि साख सहकारी समिति का सदस्य रहा है जिसका अनुचित लाभ उठा कर उसके फर्जी हस्ताक्षकर उसी के नाम पर 30 हजार रुपए का ऋण स्वीकृत 2 मई 2011 को करा लिया था जिसकी जानकारी उसे 2012 में नोटिस के द्वारा प्राप्त तभी से वह लगातार जगदीश यादव के विरूद्ध शिकायतें करते आ रहा है। इसके बावजूद भी उसे विभाग द्वारा डिफल्टर घोषित कर दिया गया है। इसके चलते वह शासकीय खाद- बीज लेने से बंचित बना हुआ है। इसके अलावा गुरूवार 4 जनवरी के ग्राम पुरैनिया निवासी हरिलाल पिता स्वर्गीय तन्सुआ ढीमर ने जिला कलेक्टर के नाम शिकायती आवेदन देते हुए बताया कि पुरैनिया के पूर्व समिति प्रबंधक जगदीश यादव द्वारा उसके पिता के नाम से भी 30 हजार रुपए का ऋण वर्ष 2011 में निकाल लिया गया था उसने बताया कि उसके पिता समिति के सदस्य रहे है जिसका अनुचित लाभ लेकर फर्जी ऋण निकालने के कार्य को अंजाम दिया गया है। जिसकी शिकायत कई बार की जा चुकी है।