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कोर्ट के फैसले से महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार बैकफूट पर


सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उद्धव ठाकरे गुट को मिली नई ऊर्जा

बीएमसी चुनाव को जल्द कराकर रिस्क नहीं लेना चाहती सरकार

मुंबई । कर्नाटक चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को मिली बंपर जीत और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार बैकफूट पर है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह लगता है कि फ़िलहाल जनता की सहानुभूति उद्धव ठाकरे खेमे के साथ है। ऐसे में वह बीएमसी चुनाव को जल्द कराने का रिस्क नहीं लेना चाहती है। उन्हें लगता है कि ऐसा हुआ तो बीएमसी में बड़ा नुकसान हो सकता है। अब तक यह कहा जा रहा था कि बीएमसी चुनाव आगामी अक्टूबर महीने में कराये जा सकते हैं। हालांकि, अब यह कहा जा रहा है कि इन्हें अगले साल की शुरुआत में कराया जाएगा। इसके पीछे सियासी गलियारों में यह चर्चा है कि शिंदे-फडणवीस सरकार उद्धव ठाकरे के प्रति पैदा हुई सिम्पैथी वेव के खत्म होने का इंतजार करेगी।

शिंदे-फडणवीस सरकार इस बात का भी इंतज़ार करेगी कि महाविकास अघाड़ी में कुछ दरार पैदा हो। एकनाथ शिंदे गुट के एक नेता की माने तो बीजेपी भी बीएमसी चुनाव कराने में जल्दबाज़ी नहीं करना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में तत्कालीन राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। साथ शिंदे सेना के भरत गोगावले की नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं। वह शिंदे खेमे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। महाराष्ट्र की 23 महानगर पालिका और 26 जिला परिषद में होने वाले चुनाव फ़िलहाल होने के इंतज़ार में हैं।

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