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अंतिम सांसे गिन रही शिवराज सरकार: अजय सिंह

प्रदेश में अराजकता का माहौल है, बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं

भोपाल । पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया है कि आज पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति है| पुलिस की सरेआम ठुकाई हो रही है। शराब माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे सरेआम पुलिस को पीट रहे हैं|।कलेक्टर कमिश्नर तक सुरक्षित नहीं हैं। उनकी सरकारी गाड़ियों के कांच भीड़ तोड़ती रही और पुलिस डर के मारे लाचार खड़ी रही।आदिवासी भी गुस्साये हुए हैं और उनकी पुलिस के साथ झड़पें हो रही हैं। बच्चियों के साथ बलात्कार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। चारों ओर अफरा तफरी मची हुई ही लेकिन मामाजी पर असर नहीं हो रहा है। कुल मिलाकर क़ानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है।
अजयसिंह ने कहा कि विगत दिवस ग्वालियर में कलेक्टर, एसपी सहित 50 से ज्यादा सरकारी वाहनों को चकनाचूर कर दिया गया। कई पुलिस कर्मी भी पिटे। प्रशासन को जब पता था कि गुर्जर महासभा में बीस हजार से अधिक लोग आने वाले हैं तो समुचित पुलिस बल की व्यवस्था क्यों नहीं की गई। इसी प्रशासनिक अदूरदर्शिता के चलते पुलिसकर्मी पिटे। जब प्रशासन और पुलिस सुरक्षित नहीं है तो आम जनता का भगवान ही मालिक है।
सिंह ने कहा कि यही नहीं, भिंड में एक इनामी अपराधी को पकड़ने गई पुलिस टीम को महिलाओं ने बंदी बनाकर पीटा। आरोप है कि पुलिस ने शराब के नशे में घर में घुसकर महिलाओं से छेड़छाड़ की। इस घटना से पुलिस की भारी किरकिरी हो रही है। इसी तरह अयोध्या नगर भोपाल में देर रात तक खुली शराब की दूकान बंद करने पहुंचे पुलिस कर्मी की शराब कारोबारियों ने लाठी और डंडों से जमकर पिटाई कर डाली। यहाँ पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है और पुलिस ही सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा इंदौर के हीरानगर थाना क्षेत्र में जमीन पर कब्जा दिलाने आये पुलिसकर्मियों के साथ आरोपियों ने झूमाझटकी कर दी। उमरिया में विगत दिवस भ्रष्टाचार की जाँच की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान आदिवासियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जमकर लाठियां चली। एडीशनल एसपी को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अजयसिंह ने कहा कि गत रात्रि उज्जैन में सतना से आई एक बारह वर्षीय लड़की से सामूहिक बलात्कार हुआ। यह सभी घटनायें बताती हैं कि मध्यप्रदेश में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह लचर हो चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह का इस ओर बिलकुल ध्यान नहीं है। ऐसा लगता है कि वे जानबूझकर समस्या के प्रति गंभीर नहीं है। उन्हें अपनी सत्ता खिसकती नजर आ रही है। यदि वे समय रहते नहीं चेते तो प्रदेश की स्थिति बेकाबू होने में देर नहीं लगेगी।

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