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यूथ आइकॉन के रुप में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके शुभम

 केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मिले अनेकों पुरस्कार 


 1000 से ज्यादा सांस्कृतिक, सामाजिक, साहित्यिक कार्यक्रमों में संचालन और भागीदारी…

भोपाल। भोपाल के पास तामोट गांव के रहने वाले शुभम चौहान ने गांव से निकालकर राष्ट्रीय स्तर पर युवा गतिविधियों में एक अलग पहचान बनाई है, उन्होंने अपनी गतिविधियों से ना केवल गांव का नाम रोशन किया बल्कि प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। 12वीं तक ओबैदुल्लागंज में पढ़ने के बाद पहले रुझान विज्ञान में था इसलिए बेनजीर कॉलेज से बीएसएसी किया, लेकिन कॉलेज में सामाजिक और साहित्यिक गतिविधियों में रुचि के कारण शासकीय हमीदिया महाविद्यालय से एमए हिंदी साहित्य में किया है, एवं वर्तमान में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से हिंदी विषय में पीएचडी कर रहे हैं। 1 हजार से ज्यादा सांस्कृतिक, सामाजिक, साहित्यिक कार्यक्रमों में संचालन और भागीदारी करने वाले शुभम राष्ट्रीय युवा संसद में बात रखने वाले मप्र के पहले युवा बने। मप्र सरकार का पहला विवेकानंद राज्य युवा पुरस्कार भी मिला। साथ ही भारत सरकार, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने सामुदायिक युवा गतिविधियों के लिए सर्वोच्च राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
आज शुभम प्रदेश में आयोजित होने वाली साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं युवा गतिविधियों में सबसे सक्रिय रूप से नजर आते हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश की राज्य युवा नीति के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है , इसी के साथ पिछले वर्ष व्यापक स्तर पर आयोजित हुई यूथ महापंचायत में भी शुभम अग्रणी भूमिका में रहे। 
उन्हें एक भारत- श्रेष्ठ भारत अभियान, स्वच्छता एवं युवा गतिविधियों में सक्रिय भूमिका के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, लालजी टंडन, रामनरेश यादव, प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, नागालैंड वीपी आचार्य, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, केंद्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सीएम शिवराज सिंह पुरस्कृत कर चुके हैं।
शुभम को शिक्षा के साथ-साथ समाज में रक्तदान, अंगदान, पौधरोपण, मतदाता जागरूकता, वित्तीय साक्षरता, डिजिटल इंडिया स्वास्थ्य एवं एड्स जागरूकता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए राज्य स्तरीय राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार से उच्च शिक्षा विभाग मप्र शासन ने भी सम्मानित किया।
राष्ट्रीय युवा संसद में रहे वक्ता
शुभम राष्ट्रीय युवा संसद में मप्र का प्रतिनिधित्व करते हुए वक्ता के तौर पर सहभागिता की। राष्ट्रीय युवा संसद में बात रखने वाले मप्र के पहले युवा भी हैं। बीएससी के बाद हमीदिया कॉलेज से एमए हिंदी में टॉपर शुभम बीयू से हिंदी में पीएचडी कर रहे हैं।
शुभम का युवाओं के लिए संदेश
शुभम का कहना है कि युवाओं को अपनी क्षमता पहचानने की आवश्यकता है, स्वयं को कमजोर ना आके। मैं यह गर्व से कह सकता हूं कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के कारण बहुत सी चीजें स्वभाविक रूप से मेरे व्यक्तित्व में रहीं, जिनका लाभ मुझे विभिन्न मंचों पर मिला।

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