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सीएम केजरीवाल के घर दल बल के साथ आ धमके एसपी

नई दिल्ली । राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है। दिल्ली की राजनैतिक तस्वीर भी कुछ इसी तरह की दिखाई दे रही है। यहां आम आदमी पार्टी अपने विधायकों को 25-25 करोड़ रुपए में खरीदने का आरोप लगाया। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि बीजेपी आप के विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दे रही है। उनके 21 विधायकों को तोड़ने की योजना है और सात विधायकों के साथ संपर्क भी साधा गया है। उन्होने दावा किया कि सही समय आने पर हम इसके साबूत भी पेश करेंगे।

अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर एसपी साहब अपने दलबल के साथ पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि सीएम को नोटिस देने के लिए पुलिस उनके घर पहुंची है। सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया था कि इस संबंध में उनके सात विधायकों से संपर्क भी किया गया।
इससे पहले केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के कथित मामले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को ईडी के सामने पेश नहीं हुए। केंद्रीय एजेंसी द्वारा केजरीवाल को बुधवार को पांचवीं बार समन जारी किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले चार महीनों में उन्हें चार समन जारी किए है लेकिन वह अभी तक उसके सामने पेश नहीं हुए हैं। ‘आप ने कहा कि केजरीवाल पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे। पार्टी ने समन को ‘‘अवैध करार देते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए बार-बार नोटिस भेज रहा है। ‘आप ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केजरीवाल को गिरफ्तार कर दिल्ली में उनकी सरकार गिराना चाहती है। उसने कहा कि आम आदमी पार्टी ऐसा नहीं होने देगी। केजरीवाल पिछले साल दो नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल तीन जनवरी तथा 18 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित होने संबंधी उसके समन को टाल चुके हैं। आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने संबंधी दिल्ली सरकार की 2021-22 की आबकारी नीति में उन कुछ शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। हालांकि, आम आदमी पार्टी आरोपों का बार-बार खंडन करती रही है। बाद में इस नीति को वापस ले लिया गया था और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी।

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