Uncategorized

महंगाई भत्ता देने में दोहरे मापदंड अपना रही है राज्य सरकार

भोपाल। प्रदेश के 7:50 लाख कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने के मामले में राज्य सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है। अधिकारियों को तो केंद्रीय तिथि से नगद एरियर सहित भुगतान करने के आदेश राज्य सरकार ने जारी करें हैं वही प्रदेश के कर्मचारियों को बिना एरियर के महंगाई भत्ता देने के आदेश जारी करें है जिससे प्रदेश के 7:50  लाख कर्मचारियों में भयंकर असंतोष व्याप्त हो गया है । मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच महंगाई भत्ता केंद्रीय से एरियर सहित कर्मचारियों को देने की मांग को लेकर सोमवार को भोजन अवकाश के समय मंत्रालय के सामने प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने  बताया कि राज्य सरकार ने अधिकारियों को 4% महंगाई भत्ते का लाभ 1 जुलाई 2022 से एरियर सहित नगद भुगतान करने का आदेश जारी करे है वही प्रदेश के सातवां वेतनमान प्राप्त कर्मचारियों को 1 जनवरी 2023 से 4% महंगाई भत्ते का लाभ देने का आदेश जारी करा है । जबकि राज्य सरकार ने कर्मचारी संगठनों के साथ समझौता किया था कि कर्मचारियों को भी केंद्रीय कर्मचारियों के समान केंद्रीय तिथि से ही महागाई भत्ता का लाभ दिया जाएगा लेकिन सरकार लंबे समय से अधिकारियों को तो केंद्रीय तिथि केंद्र के कर्मचारियों के समान एरियर सहित महागाई भत्ता का भुगतान करने के आदेश जारी कर अधिकारियों को बराबर लाभ पहुंचा रही है । लेकिन कर्मचारियों को 2019 से अभी तक सदैव ही घोषणा दिनांक से महागाई भत्ता का लाभ देने का आदेश जारी कर रही है।  केंद्रीय शिक्षा केंद्र के कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता का बकाया एरियर का भुगतान नहीं कर रही है जिससे अभी तक प्रदेश के कर्मचारियों का राज्य सरकार 800 करोड़ रुपए बचा कर चुकी है । कर्मचारियों को कहने को तो सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के समान 38% महंगाई भत्ते का लाभ देने का आदेश जारी कर दिया है लेकिन वास्तविक रूप में कर्मचारियों को 38% महंगाई भत्ते का केंद्रीय कर्मचारियों के समान लाभ अभी भी नहीं मिला है। कल जारी आदेश से कर्मचारियों में किसी प्रकार का हर्ष व्याप्त नहीं है बल्कि भयंकर असंतोष व्याप्त हो गया है। वहीं सरकार ने छठवें वेतनमान प्राप्त कर्मचारियों स्थाई कर्मियों को भी 4% महंगाई भत्ते का  लाभ देने का आदेश जारी नहीं किया है । सरकार कर्मचारियों के साथ दोहरे मापदंड अपना रही है। कर्मचारियों को उनके वास्तविक अधिकार नहीं दे रही है जिससे कर्मचारी अब आंदोलन के रास्ते पर आ गया है इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
                             

Related Articles