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प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत : शिवराज

भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत है। कर्ज लेने के आरोपों पर भी उन्होंने पलटवार किया और आंकड़ों की उजली तस्वीर पेश की।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को पेश आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जो तथ्य सामने आए हैं, वह यह सिद्ध करते हैं कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत है।
उन्होंने कहा कि हमने वित्तीय अनुशासन और सुशासन के साथ सर्व-समावेशी विकास किया है। वहीं, दूसरी तरफ राज्य के बजट का आकार लगातार बढ़ा है। हमारा कर संग्रहण लगातार बढ़ता चला जा रहा है। मुझे यह कहते हुए गर्व है 2022-23 में मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास दर में 16.43% की वृद्धि हुई है। आपको याद होगा। पिछली बार 2021-22 में हमारी आर्थिक वृद्धि दर 18.02% थी। अब 18.02% की वृद्धि दर के ऊपर फिर से 16% से ज्यादा वृद्धि दर हासिल करना अपने आप में यह सिद्ध करता है कि मध्यप्रदेश आर्थिक दृष्टि से भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
जीडीपी में कई गुना बढ़ोतरी
शिवराज ने दावा किया कि मध्यप्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 2001-02 में 71, 594 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर अब 13.22 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अब इससे अंदाज लगा सकते हैं, हमारी जीएसडीपी किस गति से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय देखें तो 2001-02 में 11,718 रुपये थी, जो 2011-12 में बढ़कर 38,497 रुपये और अब 2022-23 में 1.40 लाख रुपये हो चुकी है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ने का मतलब है कि लोगों के पास लगातार आय के साधन बढ़ रहे हैं।
कर्ज के आरोपों पर दिया जवाब
शिवराज ने कहा कि विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि हम कर्ज लेते जा रहे हैं। जबकि हकीकत तो यह है कि कर्ज का अनुपात घटा है। ऋण और जीएसडीपी का 2005 में अनुपात 39.5 प्रतिशत था। कोविड महामारी के बावजूद यह अनुपात 2020-21 में घटकर 22.6 प्रतिशत रह गया था। यह अपने आप में सिद्ध करता है कि जीएसडीपी के अनुपात में ऋण का प्रतिशत लगातार घटा है।
पूंजीगत व्यय भी बढ़ाया है
शिवराज ने कहा कि आंकड़े गवाही देते हैं कि पूंजीगत व्यय में निरंतर वृद्धि हुई है। अगर आप देखेंगे तो पिछले साल हमारा पूंजीगत व्यय 37,089 करोड़ रुपये था, जिसे हमने एक साल में 23.18% बढ़ाया है। अब यह बढ़कर 45, 685 करोड़ रुपये हो गया है। वहीं, औद्योगिक विकास दर 2001-02 में -0.61% थी, जो 2022-23 में बढ़कर 24% हो चुकी है। अगर आप राजस्व संग्रहण की बढ़ती गति को देखेंगे तो हमने लगातार राज्य के करों का संग्रह बढ़ाया है। तीन वर्षों में यह 7.94% की रफ्तार से बढ़ा है। मतलब हम अपने राजस्व लगातार बढ़ा रहे हैं।

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