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धार में आज से शुरू होगा भोजशाला का सर्वे

हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश पर 5 सदस्यीय टीम करेगी वैज्ञानिक सर्वेक्षण

धार । ज्ञानवापी की तर्ज पर होने वाले भोजशाला के एएसआई सर्वे का काम शुक्रवार से शुरू होने वाला है। इस संबंध में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा पत्र जारी कर इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गई है। पत्र मिलने के बाद गुरुवार दोपहर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, एसपी मनोज कुमार सिंह टीम के साथ भोजशाला पहुंचे। उन्होंने पूरे परिसर का निरीक्षण किया। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के आदेश पर 5 सदस्यीय टीम वैज्ञानिक सर्वेक्षण करेगी। सर्वे को देखते हुए अतिरिक्त बल भी भोजशाला पुलिस चौकी पर तैनात करने की बात कही गई। इस क्षेत्र की निगरानी 60 कैमरों की मदद से की जा रही है। एएसआई भोजशाला के पिछले हिस्से को कवर करने के उद्देश्य से पांच फीट ऊंची दीवार का निर्माण भी करवा रहा है।
हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इंदौर हाईकोर्ट में मई 2022 में इस संबंध में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के माध्यम से मौलाना कमालुद्दीन सोसायटी, धार पुलिस व जिला प्रशासन, प्रमुख सचिव गृह के माध्यम से गृह विभाग, पुरातत्व अधिकारी मांडू, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अधीक्षक भोपाल, पुरातत्व सर्वेक्षण अधीक्षक नई दिल्ली को नोटिस जारी किया था। संबंधितों द्वारा इसका जवाब प्रस्तुत किया गया। इसके बाद 5 फरवरी को हाईकोर्ट में एक आवेदन देकर मांग रखी गई कि धार भोजशाला का भी वैज्ञानिक सर्वेक्षण करवाया जाए, 11 मई को सुनवाई शुरू हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने सर्वे को लेकर निर्देश जारी किए थे।
सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अपर महानिदेशक प्रो. आलोक त्रिपाठी के द्वारा जारी पत्र में बताया गया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर वैज्ञानिक सर्वे को जीपीआर-जीपीएस तरीके से किया जाएगा। इसको लेकर एक टीम धार आएगी, पांच सदस्यों की टीम को भोजशाला में पुरातात्विक जांच के दौरान पर्याप्त सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाएं करवाने की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की रहेगी।
29 अप्रैल से पहले सौंपनी होगी रिपोर्ट
मप्र हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने आदेश में कहा था कि परिसर में कार्बन डेटिंग विधि से एक विस्तृत वैज्ञानिक जांच की जानी चाहिए, जिससे जमीन के ऊपर और नीचे दोनों तरह की संरचना कितनी पुरानी है और उनकी उम्र का पता लगाया जा सके। अदालत की ओर से यह भी कहा गया कि सर्वेक्षण ये कार्यवाही दोनों पक्षों को दो प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की जाए और उसकी वीडियोग्राफी होनी चाहिए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होनी है। साथ ही कोर्ट ने ्रस्ढ्ढ को 29 अप्रैल से पहले अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
राजा भोज ने बनवाई थी भोजशाला
हिंदू संगठनों के मुताबिक, धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है। सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए भोजशाला को बनवाया था, लेकिन बाद में मुगल आक्रांताओं ने उसे तोड़ दिया था। इसी परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस द्वारा हाईकोर्ट में आवेदन दिया था। जिस पर पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था।

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