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देर से आना और जल्दी जाने की प्रथा बनाएं हुए अस्तौन के शिक्षक, बच्चों का भविष्य अंधकार मय
टीकमगढ़ । शासकीय शिक्षा संस्थानों में पदस्थ िशक्षक अपनी मनमर्जी से बाज नहीं आ रहे हैं शहरीय क्षेत्र के कई स्कूलों को आलम भले ही सुधारात्म हो मगर ग्रामीण क्षेत्र की संस्थाओं में शिक्षकों की परंपरा पुराने ढर्रें पर चल रही है। शिक्षक जैसे जिम्मेवार पद पर पदस्थ व्यक्ित देर से आना और जल्दी घर वापस जाने की अपनी आदत नहीं सुधार रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार को जब मीडिया की टीम टीकमगढ़ तहसील के ललितपुर मार्ग पर स्िथत ग्राम अस्तौन पहुंची तो वहां धनुषपुरा मुहल्ला में स्िथत शासकीय प्राथमिक शाला में दोपहर 3.50 पर ताला लटका हुआ था। जिसकी जानकारी मीडियाकर्मियों ने संबंधित प्रभारी प्राचार्य संकुल के आलावा डीपीसी को दी। गौरतलब है कि इस शाला में पहले छह शिक्षक पदस्थ थे जिसमें एक शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं अब यहां पांच शिक्षक तैनात हैं। जिसमें शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां का स्कूल रोजाना समय से पहले बंद हो जाता है और समय अनुसार खुलता भी नहीं है। जबकि नियमानुसार यहां सुबह 10.30 पर स्कूल खोलने एवं शाम 4.30 पर स्कूल बंद करने का प्रावधान है इसके साथ ही संबंधित स्कूल में पदस्थ शिक्षकों को सुबह अपनी शालाओं में पहुंच कर एवं शाम को जाते समय हस्ताक्षर करने के भी नियम शासन प्रशासन द्वारा तय किए गए है। इसके बावजूद भी शिक्षकों की मनमर्जी का शिकार यहां अध्ययनरत छात्र-छात्राएं बने हुए हैं। जिनका जिम्मा शिक्षकों के कंधो पर प्रशासन तय करता है ।
क्या कहते है डीपीसी :जिले में पदस्थ डीपीसी परशुराम ित्रपाठी से जब इस मामले को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि आपके द्वारा मुझे अवगत कराया गया है मैं इसकी पूरी जानकारी संबंधित संस्था प्राचार्य से करवाता हूं। हालांकि उन्होंने अंत में यह भी कहा कि समय से पहले स्कूल बंद हुआ पाया गया तो दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
प्रभारी प्राचार्य बने अनभिज्ञ : उक्त शाला से संबंधित प्रभारी प्राचार्य संकुल अस्तौन का पदभार संभाले हुए बलराम यादव से जब मोबाइल पर बात की गई तो उन्होनंे बताया कि शाला कितने बजे बद हुई मुझे इसकी जानकारी नहीं है। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि उन्होंने इस दिशा में अपनी अनभिज्ञता जाहिर की है। उन्होंने बताया कि शाला बंद होने का समय शाम 4.30 है। समय से पहले शाला बंद हुई है तो मैं इसकी जानकारी यहां पदस्थ शिक्षक-शिक्षिकाओं से लेता हूं ।