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नृत्य की लय और सुरमई गायन की अमृत वर्षा की सोंधी खुशबू से महका श्यामला हिल्

भोपाल । सरदार वल्लभभाई पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव *अमृत 2024* के अंतर्गत पिछले एक सप्ताह से चली आ रही खेलकूद, साहित्यिक और अभिरुचि गतिविधियों के बाद आज मंच पर विद्यार्थियों ने नृत्य, गीत, संगीत, एंकरिंग, मिमिक्री और स्टैंड-अप-कॉमेडी से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस दौरान पूरा परिसर झूम उठा और हर्षोल्लास का वातावरण बना रहा। 

सरस्वती पूजन के पश्चात स्टूडेंट काउंसिल के प्रभारी डॉ. ए.के तुली एवं प्रिंसिपल डॉ. के. वी. रॉव के उद्बोधन के पश्चात सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रभारी डॉ. अवधेश सिंह ने कार्यक्रम के रूपरेखा पर प्रकाश डाला। संस्था की वरिष्ठ व्याख्याता श्रीमती शोभना स्थापक ने कार्यक्रम की थीम “अमृत” की समसामयिक प्रासंगिक रोचक व्याख्या की।
दीक्षा त्रिपाठी ने “महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् अयि गिरि नन्दिनि ” पर शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत करते हुए कॉलेज कैंपस में एक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह प्रारंभ करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया। दीपिका और हर्षित यादव ने रोचक एंकरिंग करते हुए कार्यक्रम की बागडोर संभाली और “हवा के झोंके आज मौसमों से रूठ गए, गुलों की शोखियां जो भँवरे आके लूट गए ” गीत भी प्रस्तुत किया। नबी उल्लाह ने “सुनो ना संगमरमर ” सोलो सॉन्ग प्रस्तुत करते हुए तालियां बटोरी। प्रिया देशमुख ग्रुप ने आकर्षक समूह नृत्य प्रस्तुत किया। उसके बाद “दो धारी तलवार ” पर सोलो डांस प्रस्तुत करते हुए आयशा खान ने खुशनुमा माहौल बना दिया। युगल गीत “ढोलना ” प्रस्तुत करते हुए दिया मालवीय और अनुराग त्रिपाठी ने दर्शकों का ध्यान खींचा। फार्मेसी विभाग के अंकित पाण्डेय ग्रुप ने भिन्न-भिन्न तत्वों का मिश्रण करते हुए मैशअप नृत्य किया। शमशाद खान ने सोलो सांग “आँखें खुली हो या हो बंद ” प्रस्तुत किया। “डोला रे डोला ” गीत पर युगल नृत्य में दीक्षा त्रिपाठी और श्वेता सिंह ने शानदार जुगलबंदी प्रस्तुत की। प्रतिभा प्रदर्शन के इस महाकुंभ में शिक्षक भी कहां पीछे रहने वाले थे। कॉलेज की सीनियर फैकल्टी डॉ. मुकेश मिश्रा ने अपने चिर-परिचित अंदाज में किस्से सुनाते हुए सभी को जमकर हंसाया। कॉलेज की लाइब्रेरियन डॉ अनुराधा चतुर्वेदी ने “चांदी जैसा रंग है तेरा ” गीत प्रस्तुत किया। स्टूडेंट काउंसिल के प्रभारी डॉ. ए.के. तुली और डॉ अवधेश सिंह ने भी पूरे जोश के साथ सिंगिंग की। 
ग्रुप डांस की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां हुई। सफीरा मजहर ग्रुप ने “छल्ला बल्ला”, कनिष्का ग्रुप ने “मेरा बालम थानेदार ” और दीक्षा त्रिपाठी ने समां बांधा। 
सोलो डांस में हिमांश का लुंगी डांस आकर्षक था। रतीन्द्र मण्डल ने “मैं निकला गड्डी ले के”, आशी गुप्ता ने “धागे तोड़ लाओ ”, प्राची विश्वकर्मा, श्वेता सिंह और अखिलेश कुमार गुप्ता ने भी “गोविंदा स्टाइल ” सोलो डांस में जलवा दिखाया। 
सोलो सांग में दिया मालवीय ने “मेरे ख्वाबों में जो आए आके मुझे छेड़ जाए ” गाकर समां बांध दिया। विशाल साहू ने “ओ मेरी जोहरा जबी ”, दीक्षा त्रिपाठी ने “पीहू बोले ”, अनुराग त्रिपाठी ने “तुम्ही हो…..” और विशाल कुमार ने “मेरे ख्वाबों मे जो आये ” गाकर अपनी गायकी के लिए तालियां बटोरीं।  
डृयुट सांग में दीक्षा और नबील ने “ऐ मेरे हमसफ़र ” गाकर ऑडियंस को झूमने पर मजबूर कर दिया। 
विशाल साहू की मिमिक्री ने भी खूब तालियां बटोरीं।  
नेहा परमार एण्ड श्वेता मेवाड़ा ने “घर मोरे परदेसिया ” गीत पर शानदार प्रस्तुति दी।

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