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पृथ्वी के दो तरह के अंत का जिक्र मिलते हैं देखने को
गर्मी से वायुमंडल का हर परमाणु बाहर उड़ जाएगा
सैन फ्रांसिस्को । क्या पृथ्वी का भी अंत होगा और होगा, तो वह कैसे होगा। कई वैज्ञानिकों ने विश्लेषण किया है कि ऐसा कैसे हो सकता है और इस बात की व्याख्या करने की कोशिश की है कि तमाम तरहों से पृथ्वी अपने आखिरी अंजामों तक कैसे पहुंच सकती है। पृथ्वी के अमूमन दो तरह के अंत का जिक्र देखने को मिलते हैं। एक तो सामान्य अंत, जैसा कि किसी ग्रह का हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक सामान्य रूप से या तो पृथ्वी सूर्य में जाकर समा जाएगी या फिर सौरमंडल से बाहर निकल कर और बंजर चट्टान बन कर अनंत काल के लिए अंततारकीय अंतरिक्ष में भटकती रहेगी। वहीं असामान्य अंजाम में पृथ्वी इस सब से पहले ही नष्ट हो जाएगी।एक वैज्ञानिक धारणा के मुताबिक जहां समय के साथ सूर्य और अधिक गर्मी पृथ्वी पर फेंकेगा और वायुमंडल का हर परमाणु बाहर उड़ जाएगा। पृथ्वी की सतह पर गर्मी से सबकुछ राख हो जाएगा। इसके अगले पांच से सात अरब सालों में पृथ्वी का यही हाल हो सकता है और वह सूर्य से दूर होती जाएगी जबकि सूर्य तब तक बुध और शुक्र को निगल चुका होगा और पृथ्वी पूरी तरह से सूखी बंजर चट्टान बन कर अंतरिक्ष में भटकने लगेगी। एक दूसरी संभावना यह है कि पृथ्वी पर जीवन खत्म होने के बाद बंजर ग्रह के तौर पर भी वह सौरमंडल में रहेगी। इस दौरान कई बाते हो सकती हैं। एक संभावना में तो पृथ्वी से कोई पिंड टकरा कर उसे खत्म कर देगा या फिर निगल लेगा। क्या होगा यह काफी कुछ टकराव के प्रकार और टकराने वाले पिंड के आकार पर निर्भर करता है।
अगर पृथ्वी से कोई पिंड टकराता है और वह बहुत बड़ा पिंड होता है तो इस विशाल टकराव से पृथ्वी के टुकड़े टुकड़े भी हो सकते हैं और पृथ्वी की पूरा अस्तित्व ही छोटी बड़ी चट्टानों में बदल जाएगा और ये टुकड़े सौरमंडल के हिस्सों में बिखर जाएंगे। वहीं अगर टकराने वाला पिंड कोई तारा हुआ तो वह पृथ्वी को निगल भी सकता है। जरूरी नहीं बाहर से आने वाला पिंड सीधे पृथ्वी से टकारा ही जाए, बल्कि ऐसा भी हो सकता है कि यह विशालकाय पिंड सौरमंडल के पास के गुजरेगा और अपने गुरुत्व का ऐसा असर डालेगा जिसके प्रभाव में पृथ्वी सूर्य के प्रभाव से मुक्त होने लगेगी और उस पिंड की ओर जाने लगेगी।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान वह पिंड पृथ्वी को को ही सौरमंडल से हमेशा के लिए बाहर कर देगा। एक संभावना यह भी बताई जाती है कि सूर्य की गर्म होने की प्रक्रिया जारी रहने से पृथ्वी तो तप कर जीवन विहीन हो जाएगी और उसके बाद अगर वह सूर्य के असर से मुक्त नहीं हो सकी तो एक समय आएगा जब वह फिर सूर्य के पास जाने लगेगी और उसी में समा जाएगी। इसके बाद विशाल सूर्य से टकारने पर पृथ्वी का ही अस्तित्व खत्म हो जाएगा। लेकिन इसके अलावा असामान्य अंजाम के रूप में पृथ्वी पर जीवन के इस तरह से खत्म होने से काफी पहले भी किसी घटना से पृथ्वी का अंत हो सकता है।
एक लेख के मुताबिक कोई विशाल क्षुद्रग्रह या धूमकेतु पृथ्वी से टकराकर उसे खत्म कर सकता है या फिर सुपरनोवा या गामा विकिरण प्रस्फोट या भूचुंबकीय तूफान पृथ्वी को खत्म करने के लिए पर्याप्त हो सकता है।लेकिन इस बात की संभावना किसी ने भी नहीं जताई है कि इंसान किसी तरह से पृथ्वी को ही खत्म कर पाएगा। मालूम हो कि ब्रह्माण्ड में हर वस्तु का अंत निश्चित है। चाहे तारे हों, गैलेक्सी हो, ब्लैक होल ही क्यों ना हों। ऐसे में ग्रहों का भी अंत निश्चित ही होगा। लेकिन इसका कभी जिक्र नहीं होता है। दुनिया में चर्चाएं पृथ्वी पर इंसान और जीवन के अंत की तो बहुत होती हैं पर पृथ्वी के अंत की नहीं होती हैं।