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प्रदेश के 6610 स्कूलों में शौचालय नहीं, 1353 स्कूलों में पीने के पानी का स्त्रोत नहीं

भोपाल । स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 58 हजार 506 प्राथमिक और 24 हजार 733 माध्यमिक स्कूल है। 58 हजार 506 प्राथमिक स्कूलों में 2 हजार 25 में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है। वहीं, 24 हजार 733 माध्यमिक स्कूल में 679 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं है। वहीं, प्रदेश में 2835 प्राथमिक और 1071 माध्यमिक स्कूलों में लड़कों के लिए शौचालय नहीं है। वहीं, प्रदेश के 1353 स्कूलों में पीने के पानी का भी कोई स्त्रोत नहीं है। इसके अलावा 20 हजार 264 माध्यमिक और 12 हजार 175 प्राथमिक स्कूलों में बॉउड्रीवाल भी नहीं है। वहीं, इस मामले में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 41 हजार 942 स्कूलों में जल जीवन मिशन के तहत पानी के कनेक्शन दिए गए है। बाकी स्कूलों में हैंडपंप और अन्य स्त्रोत से पीने का पानी मिल रहा है।

4421 युवाओं को नौकरी दिलाने 4 करोड़ फीस दी
वहीं, खेल युवा कल्याण, कौशल एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने एक सवाल के जवाब में बताया कि 2018 में युवाओं को रोजगार देने के लिए 15 जिला रोजगार कार्यालयों को काम निजी एजेंसियों को दिया था। इसमें महाराष्ट्र की यशस्वी अकेडमी फॉर टेलेंट मैनेजमेंट कंपनी ने दो साल में 4421 युवाओं को काम दिलाया और इसके बदले सरकार से 4 करोड़ 17 लाख 75 हजार रुपए फीस ली। कंपनी को दो साल में 67 हजार 848 युवाओं को रोजगार दिलना था।

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