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तीन दिवसीय ‘भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल’ (बीएलएफ) 12 जनवरी से शुरू

भोपाल ।  साहित्य और कला प्रेमियों को समर्पित तीन दिवसीय भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल का आग़ाज़ 12 जनवरी से होगा। इस समारोह में 90 से ज़्यादा सुप्रसिद्ध वक्ता भाग लेंगे। फेस्टिवल के दौरान युवाओं के लिए कहानी पाठ, चित्रकारी और काव्य प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा।

भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल का यह छठा संस्करण मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा श्यामला हिल्स स्थित, भोपाल की खूबसूरत सांस्कृतिक धरोहर भारत भवन में आयोजित करवाया जा रहा है।
इस आशय की जानकारी भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल के संस्थापक राघव चंद्रा ने आज आयोजित एक पत्रकार वार्ता में दी. श्री चंद्रा ने बताया कि 12 से 14 जनवरी तक चलने वाले इस तीन दिवसीय महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय परिदृश्य, कला और साहित्य को समर्पित विभिन्न विषयों पर 50 से भी ज़्यादा सत्रों का आयोजन प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक होगा।
महोत्सव का उद्घाटन 12 जनवरी की सुबह 11 बजे भारत भवन के अंतरंग सभागार में सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका स्मिता नागदेव के मंगलाचरण से होगा, इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष श्री रजनीश कुमार द्वारा लिखित पुस्तक ‘बैंकर एंड कस्टोडियन ऑफ ट्रस्ट’ पर चर्चा होगी। श्री कुमार, वर्तमान में मास्टर कार्ड के चेयरमैन हैं. इसी दिन भोपाल स्थित पत्रकार ब्रजेश राजपूत द्वारा लिखित ‘द एवरेस्ट गर्ल’ और भोपाल गैस त्रासदी पर एकाग्र वेब सिरीज ‘द रेलवे मैन’ पर बातचीत होगी। महोत्सव में राजा विक्रमादित्य के जीवन चरित पर भी बातचीत की जायेगी है। उद्धाटन सत्र में ‘सिटी मार्केटिंग में इनफ्लुएंसर की भूमिका’ पर भी एक सत्र तय है। शाम छः बजे से ‘इंडियन क्वीन ऑफ़ पाॅप’ पद्मश्री उषा उथुप की जीवनी पर केन्द्रित बातचीत और लाइव प्रस्तुति होगी।
अगले दिन, 13 जनवरी को विजय अग्रवाल और ओपी श्रीवास्तव द्वारा एक सत्र ‘छात्रों के लिये गीता’ पर केंद्रित होगा। ‘द लास्ट माइल’ पर पूर्व सचिव भारत सरकार — अमरजीत सिन्हा द्वारा, ‘म्यूजियम एज : टाइम मशीन’ तस्नीम ज़कारिया मेहता एवं शिवांग मेहता द्वारा ‘वाइल्डलाइफ’ पर चर्चा होगी। ‘वेस्ट एशिया एट वाॅर’ और ‘विल दिय’अ एवर बी पीस’ तल्मीज और पंकज सरना द्वारा चर्चा की जायेगी। भोपाल की डाॅक्टर सीमा रायजादा मुंशी प्रेमचंद पर सारा राय से बातचीत करेंगी। इसके समांतार अभिज्ञान प्रकाश, अजय विसारिया एवं डाॅ. नयनजोत लहरी द्वारा भी कई महत्वपूर्ण सत्र आयोजित होंगे। सुनील टण्डन द्वारा ‘पार्श्व शास्त्रीय संगीत और नाटक का आधुनिक भारतीय कलाओं पर प्रभाव’ पर एक सत्र आयोजित होगा।
अंतिम दिन, 14 जनवरी को न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर, रजत कथुरिया, गरुगी रावत, लतिका नाथ, जयदेव राणाडे, आँचल मलहोत्रा और मयंक शेखर द्वारा सत्र आयोजित होंगे।

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