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किडनैपर गिरोह की महिला आरोपी के एकाउंट में विदेश से भी हुआ ट्रांजेक्शन, खाते सीज, 50 सिम बरामद

लगातार हो रहे है चौंकाने वाले खुलासे, पलवल से एक और डॉक्टर गिरफ्तार

फर्जी डॉक्टर सीमा थी दाई, अनमैरिड युवतियों की डिलेवरी कराकर बेच देती थी उनके बच्चे
मासूमो को किडनैप कर बेचने का मामला
भोपाल। राजधानी के कोतवाली थाना इलाके से दो मासूम बहनो को कन्याभोज के बहाने किडनैप करने वाले गिरोह से रिमांड के दौरान पूछताछ में लगातार सनसनीखेज खुलासे हो रहे है। सूत्रो के अनुसार पकड़ी गई गैंग के आरोपियो की छानबीन में पता चला है कि उनके द्वारा करीब एक दर्जन बैंक एकांउट में विदेश से भी ट्रांजेक्शन हुआ है। अब पुलिस ने संबधित बैंको से उनके एकांउट की डिटेल्स मांगने के साथ ही सभी खातो को सीज कर दिया है, वही टीम ने गिरोह से 50 सिम भी बरामद की है, गौरतलब है कि गैंग नबंर बदल बदल कर लोगो से बातचीत करते थे। सूत्रो की मानी जाये तो इस मामले में दिल्ली से गिरफ्तार हुई फर्जी महिला डॉक्टर के बाद पुलिस ने पलवल से एक और फर्जी डॉक्टर को भी दबोचा है। जॉच में सामने आया है कि यह पूरा गिरोह दिल्ली और आसपास काफी बड़े स्तर पर काम कर रहा था। फर्जी डॉक्टर सीमा एनजीओ के नाम पर महिलाओ से संपर्क करती थी। पुलिस ने सीमा के पास से बरामद मासूम बच्ची के परिवार वालो को तलाश कर उन्हें सौंप दिया है। इधर आरोपी अर्चना से मिली दोनो बच्चियो के परिजनों का सुराग भी पुलिस को मिल गया है, अब जल्द ही वो भी अपने परिवार से मिल सकेगी। इधर भोपाल पुलिस को भी आशंका है कि गिरोह में किसी स्थानीय डॉक्टर की संलिप्तता हो सकती है, हालांकि फिलहाल ऐसा कोई सुराग सामने नहीं आया है, लेकिन दो डॉक्टरो की गिरफ्तारी के बाद भोपाल पुलिस भी अब इस बिंदु पर जॉच कर रही है।
यह था मामला
कन्याभोज में खाना खिलाने के बहाने शहर के कोतवाली थाना इलाके के पीरगेट मदिंर के सामने से दो महिलाओ ने दो मासूम बच्चियों को अगवा कर लिया था। भोपाल पुलिस टीम ने कोलार इलाके के इंग्लिश विला स्थित मकान से मासूम बच्चो को किडनैप करने वाले गिरोह के पॉच सदस्यो को गिरफ्तार किया है। आरोपियो में तीन महिलाओ सहित दो पुरुष शामिल है। इनके कब्जे से पुलिस ने भोपाल से अगवा की गई दो बच्चियो सहित दो और बच्चियां को भी बरामद किया था। आरोपियों में हरियाणा निवासी अर्चना सेन (32), केरल निवासी अर्चना का पति निशांत रामास्वामी (35), अर्चना का बेटा सूरज (19) सहित उसकी 14 साल की नाबालिग बेटी और सुरज की गर्लफ्रेंड बाराबंकी (यूपी) की रहने वाली 19 वर्षीय मुस्कान बानो शामिल हैं। किडनैपर गिरोह की मास्टर माइंड अर्चना सैनी है।
* पूछताछ में होते गए सनसनीखेज खुलासे
अपहरण के मामले में गिरफ्तार गिरोह से पूछताछ में लगातार सनसनीखेज खुलासे हो रहे है। गिरोह कनेक्शन अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह से जुड़े है। मानव तस्करी के मामले में महिला आरोपी अर्चना सैनी की निशानदेही पर पुलिस ने दिल्ली की एक फर्जी महिला डॉक्टर अर्चना सैनी को भी गिरफ्तार कर लिया। उसने अभी तक करीब 20 बच्चे बेचने की बात का खुलासा किया है। इसमें भोपाल के दो और दिल्‍ली के तीन बच्चे शामिल हैं। इसके साथ ही करीब 50 गर्भवतियों के प्रसव कराकर उनके बच्चे भी बेचे जाने की बात सामने आ रही हैं। इसके साथ ही पुलिस ने दिल्ली के एक निजी डॉक्टर को भी पूछताछ के लिए तलब किया था। पुलिस को सदेंह था कि बच्चा बेचने के लिये यह डॉक्टर महिला आरोपी सीमा उर्फ शक्ति देवी की मदद करता था। पुलिस ने दिल्ली की फर्जी डाक्टर सीमा सहित सभी पांचों आरोपितों को कोर्ट में पेश कर 5 नवंबर तक दोबारा रिमांड पर लिया है।
* बैंक एकाउंट से लाखो के ट्राजेक्शन
पुलिस जॉच में सामने आया है कि अर्चना सैनी ने मुंबई की इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के नाम पर कुछ बैंक खाते खोले हैं, इन बैंक एकांउट में आये दिन लाखों की रकम जमा हो रही थी। आशंका है, कि बच्चों को बेचने से मिलने वाली रकम इन खातों में जमा हुई है। पुलिस ने गिरोह की सरगना सीमा शक्ति देवी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। वहीं निशांत स्वामी, अर्चना सैनी, मुस्कान बानो, सूरज सैनी एवं अर्चना की नाबालिग बेटी को कोलार से गिरफ्तार किया जा चुका है। सरगना सीमा शक्ति देवी खुद को महिला डॉक्टर बताकर गैर कानूनी प्रसव करवाने वालों से मुलाकात करती थी। उन्हें दिल्ली के निजी अस्पतालों में ले जाकर गर्भपात की सुविधा उपलब्ध करवाती थी। इसके बदले में वो मोटी रकम ऐंठती थी। शक्ति देवी के कब्जे से क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में जिस 2 साल की बच्ची बिट्टू को बरामद किया था, उसके माता-पिता की जानकारी पुलिस को मिल गई थी।
* शक्ति फाउंडेशन नाम का एनजीओ
महिला आरोपी डॉक्टर सीमा उर्फ कुमारी शक्तिदेवी ने दिल्ली में शक्ति फाउंडेशन नाम से एक एनजीओ बनाया हुआ था। वह केवल बारहवीं पास है, और दाई का काम करती है। उसने मीठापुर एक्सटेंशन में एक किराए का मकान लेकर क्लीनिक बना रखा था। इस फर्जी क्लीनिक में निजी नर्सिंग होम की तरह डिलीवरी का सारा सेटअप जमा हुआ था। सीमा केवल अविवाहित युवतियों की डिलीवरी करवाती थी, अभी तक वो करीब 50 डिलीवरी करवा चुकी है। पुलिस सूत्रों की माने तो राडार पर आया डॉक्टर अशोक इस फर्जी हॉस्पिटल में रोजाना अपना काफी समय देकर केस संभालते थे, और लिव इन रिलेशन में रहने वाली गर्भवती का प्रसव कराते थे। पुलिस पूछताछ के लिए अशोक को भोपाल लाई है, संभवत जल्द ही पुलिस उसकी गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकती है। सीमा डिलीवरी करवाने के लिए युवतियों और उनके परिवार वालों से मोटी रकम लेती साथ ही जन्म लेने वाले मासूम बच्चों को वह निसंतान या अन्य लोगो को बेचकर भी काफी पैसा वसूलती थी। इस काली कमाई को एक नंबर में बदलने के लिए उसने फर्जी शक्ति फाउंडन नाम से संस्था बना रखी थी। जिसके एकाउंट में वह रुपए जमा करती थी।

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