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सऊदी अरब में आया परिवर्तनकारी बदलाव, युवा कर रहे डेटिंग, महिलाओं को मिली आजादी

बदलाव के पीछे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अच्छी सोच
रियाद,। दशकों बाद अब सऊदी अरब में परिवर्तनकारी बदलाव आ रहे हैं। सऊदी अब अपनी युवा पीढ़ी को उन बंधनों से आजाद कर रहा है, जो पिछली कई पीढ़ियों को अपने सपने पूरा करने से रोकते थे। सऊदी के युवा अब अपनी पसंद के करियर को आगे बढ़ा सकते हैं और मनोरंजन स्थलों पर घूम रहे है, जहां पुरुषों और महिलाओं को आपस में मिलने-जुलने की इजाजत है। ये ऐसी सामाजिक स्वतंत्रताएं हैं, जिन्हें लंबे समय तक सऊदी के समाज में अच्छा नहीं माना जाता था।
सऊदी महिलाओं को खासतौर से बीते सालों में कई अधिकार मिले हैं जिसमें ड्राइविंग, शैक्षिक और यात्रा विकल्पों में आजादी है। आर्थिक, कानूनी और सामाजिक परिवर्तनों ने महिलाओं के अधिकारों को व्यापक सुधार एजेंडे के तहत बदला गया है। इन बदलावों के पीछे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अच्छी सोच है। मोहम्मद बिन सलमान को 2015 में उनके पिता किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज के सिंहासन पर बैठने के दो साल बाद क्राउन प्रिंस बनाया था। इसके बाद उनके हाथ में ही सऊदी की सत्ता आ गई।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी 36 फीसदी तक पहुंच गई, जो 2016 के आंकड़े से दो गुना ज्यादा है। ऐसा कानूनों में ढील के कारण हुआ है। अब सऊदी में 21 साल से ज्यादा की महिलाओं को घर से बाहर जाने, विवाह का पंजीकरण कराने या पासपोर्ट के लिए किसी पुरुष या रिश्तेदार की इजाजत की जरुरत नहीं है। आए बदलाव को कार्यस्थल, पारिवारिक जीवन और डेटिंग और विवाह जैसे जगहों पर देखा जा सकता है।
सऊदी में यह ऐतिहासिक परिवर्तन मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 कार्यक्रम से प्रेरित है, जो कि 2016 में शुरू किया गया एक ट्रिलियन डॉलर का मास्टर प्लान है। इसका उद्देश्य तेल पर निर्भरता को कम करना और अर्थव्यवस्था को एक क्षेत्रीय व्यापार और निवेश के रूप में विविधता प्रदान करना है। एक रिपोर्ट में विश्व बैंक ने कुछ ही सालों में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने में सऊदी अरब की उपलब्धियों का जिक्र किया है। वाशिंगटन में सऊदी अमेरिकी जनसंपर्क मामलों की समिति के संस्थापक और अध्यक्ष सलमान अल अंसारी कहते हैं कि पारंपरिक धार्मिक पाठ्यक्रम को बहुत महत्व देने वाले कुछ लोग इन बदलावों को लेकर चिंतित हैं लेकिन युवा पीढ़ी को वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने के लिए इन परिवर्तनों की जरुरत है। सऊदी महिलाओं की महत्वाकांक्षाओं की बढ़ती स्वीकृति और प्रोत्साहन का अर्थ है कि परिवार अब अपनी बेटियों की उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, जो एक अधिक प्रगतिशील सामाजिक मानसिकता को दर्शाता है। इस बदलाव के परिणामस्वरूप महिलाओं के लिए एक व्यापक समर्थन नेटवर्क का निर्माण हुआ है, जो जीवन के सार्वजनिक और पेशेवर क्षेत्रों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था में विविधता आ रही है और समाज खुल रहा है। युवा सउदी उभरते सांस्कृतिक, विरासत और पर्यटन क्षेत्रों में सरकार के लिए काम करने के लिए राजधानी रियाद की ओर रुख कर रहे हैं। गल्फ स्टेट्स इंस्टीट्यूट के दीवान कहते हैं कि नए मंत्रालयों और एजेंसियों में युवाओं की भागीदारी चौंकाने वाली है। सऊदी महिलाएं घर से दूर जाने, अपने परिवार की निगरानी के बिना स्वतंत्र रूप से रहने और काम करने के अवसर को भुना रही हैं। युवा अब डेटिंग ऐप जैसी सुविधाओ का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इसने कहीं ना कहीं धार्मिक कट्टरपंथियों को भी कर कर दिया है।
अंसारी ने कहा कि सुधारों ने सऊदी लोगों के दैनिक जीवन में अहम बदलाव किया है। सऊदी अरब के परिवर्तन के कुछ तत्व हैं जो अन्य मुस्लिम बहुल देशों मलेशिया और इंडोनेशिया के साथ समानताएं दर्शा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उदार इस्लाम, आधुनिकीकरण और आर्थिक विविधीकरण पर सऊदी का जोर मलेशिया के विकास मॉडल के कुछ पहलुओं को प्रतिध्वनित करता है।

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