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एआईआईएमएस, आईआईएम इंदौर और डेनवर विश्वविद्यालय के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

 भोपाल । आईआईएम इंदौर और डेनवर विश्वविद्यालय, कोलोराडो, अमेरिका ने एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके शैक्षणिक सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हस्ताक्षर समारोह 27 मार्च, 2024 को आईआईएम इंदौर में हुआ, जो अंतर-संस्थागत सहयोग में एक नए अध्याय की शुरुआत है। इस एमओयू का प्राथमिक उद्देश्य तीन प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच मजबूत शैक्षणिक और शैक्षिक संबंध विकसित करना है। एक-दूसरे की विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाकर, एम्स भोपाल, आईआईएम इंदौर और डेनवर विश्वविद्यालय का लक्ष्य नवीन शिक्षण, अनुसंधान और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक मंच तैयार करना है।

एमओयू पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ; डेनवर विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाली प्रोवोस्ट और कार्यकारी कुलपति मैरी एल क्लार्क और आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर बोलते हुए, प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “इस एमओयू से अकादमिक संवर्धन और अंतर-सांस्कृतिक शिक्षा के लिए कई अवसरों के द्वार खुलेंगे । हम संयुक्त रूप से एक पीएचडी पाठ्यक्रम भी शुरू करेंगे जो न केवल प्रबंधन कौशल को बढ़ाएगा बल्कि छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी परिचित कराएगा।” प्रोफेसर डॉ. सिंह ने संस्थान में पहले से चल रहे अनुसंधान, विशेष रूप से सीवेज में कोरोना वायरस की उपस्थिति पर भी जानकारी दी । उन्होंने गंभीर वैश्विक चुनौतियों से निपटने और सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों को आगे बढ़ाने में ऐसे सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस एमओयू के द्वारा शैक्षिक, सांस्कृतिक और अनुसंधान गतिविधियों, आभासी अंतरराष्ट्रीय सहयोगी परियोजनाओं, संकाय और छात्रों के लिए विनिमय कार्यक्रम, साथ ही सेमिनार, कार्यशालाओं और अकादमिक बैठकों में भागीदारी सहित संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा । इसके अतिरिक्त, संस्थानों के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए विशेष अल्पकालिक कार्यक्रमों और दौरों की योजना भी बनाई गई है। यह त्रिपक्षीय सहयोग अकादमिक उत्कृष्टता, नवाचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के प्रति साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एक साथ काम करके, एम्स भोपाल, आईआईएम इंदौर और डेनवर विश्वविद्यालय वैश्विक स्तर पर शिक्षा, अनुसंधान और सामाजिक विकास में सार्थक योगदान कर सकते हैं।

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