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दो पुलिसकर्मियों ने कारोबारी से मांगी एक करोड़ की रंगदारी, नहीं देने पर झूठे केस में फंसाने की धमकी

भोपाल । दो पुलिसकर्मियों पर एक कारोबारी का कार से अपहरण कर एक करोड़ की रंगदारी मांगने, पैसे नहीं देने पर झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगा है। पीड़ित कारोबारी ने लिखित शिकायत की है। 
राजधानी में दो पुलिसकर्मियों पर एक कारोबारी का कार से अपहरण कर एक करोड़ की रंगदारी मांगने, पैसे नहीं देने पर झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगा है। पीड़ित कारोबारी ने पांच लाख में सौदा तय किया और पुलिसकर्मियों को रुपये देकर छूटा। मामले की जानकारी गृह मंत्रालय तक पहुंची तो आरोपी पुलिसकर्मियों ने कारोबारी को तीन लाख रुपये लौटा दिए। कारोबारी ने गृहमंत्री, पुलिस कमिश्नर, डीसीपी और थाना प्रभारी को लिखित शिकायत की है।
जानकारी के मुताबिक पार्वती नगर कोलार में रहने वाले गौरव जैन (38) गोल्ड और मसाला का कारोबार करते हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार को वे बाल कटवाकर दोपहर तीन बजे घर लौट रहे थे। तभी रास्ते में उसे कोलार थाने में पदस्थ आरक्षक देवेन्द्र और रोहित मिले। उनके साथ दो अन्य युवक भी थे। जो पुलिसकर्मियों के वायरलेस सेट और पिस्टल लिए हुए थे। दोनों आरक्षकों ने उसे अपनी कार में यह कहते हुए बैठा लिया कि तुम्हारे नाम पर वारंट है। इसके बाद वे उसे बंजारी मैदान में ले गए। जहां पर पुलिसकर्मियों ने उससे कहा कि तू हवाला का काम करता है और तेरे खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज है। 
पीड़ित कारोबारी ने पुलिस अधिकारियों को लिखित शिकायत में बताया है कि उसने जब अपहरण का विरोध किया तो पुलिसकर्मियों के साथ आए लोगों ने उसके साथ मारपीट की और झूठा केस बनाने की धमकी दी। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उस पर एक करोड़ रुपये देने का दवाब बनाया। कारोबारी ने इतनी बड़ी रकम न देने की बात कही। इसके बाद पुलिसकर्मी और उनके साथी कारोबारी से 50 लाख फिर 10 लाख और फिर 7 लाख रुपये मांगने लगे। इस पर कारोबारी ने अपने एक दोस्त कौशल को फोन कर पैसों का इंतजाम करने को कहा और उसके कहने पर पुराने शहर के मारवाड़ी रोड पर जाकर एक व्यक्ति से पांच लाख रुपये लेकर आरक्षक देवेन्द्र व उसके प्राइवेट साथी को दे दिए। इसके बाद आरक्षक देवेन्द्र व उसका साथी गौरव जैन को पॉलीटेक्निक चौराहा के पास लेकर पहुंचे। जहां पर आरक्षक ने आने साथी को रकम दे दी। 
इसके बाद उसे दोबारा बंजारी मैदान लेकर पहुंचा। जहां से घर से पैसा देने की बात कही। कोराबारी ने घर से 50 हजार रुपये लाकर आरक्षकों को दे दिए। तब जाकर पुलिसकर्मियों ने उनका पीछा छोड़ा। इस मामले में गौरव जैन ने कहा कि इस पूरे षड्यंत्र में उसके पूर्व कर्मचारी वाजिद शेख और अकबर शेख की मिलीभगत है। उसने उन दोनों को कुछ समय पहले शराब पीकर ड्यूटी करने व अन्य गलत कामों के चलते नौकरी से निकाल दिया था।

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