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मोदी सरकार में रोजाना 15 किलोमीटर रेल पटरी बिछायी जा रही : वैष्णव

मनमोहन सरकार में 04 किलोमीटर बिछाई जाती थी

नई दिल्ली । केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश में हर रोज औसतन 15 किलोमीटर रेल पटरी बिछायी जा रही है, जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दस वर्षों में यह औसत केवल 04 किलोमीटर थी।
श्री वैष्णव ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के जवाब में यह जानकारी दी। रेल परियोजनाओं में देरी से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से लेकर अब तक 30 हजार 336 किलोमीटर रेल पटरी बिछायी गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के दस वर्षों में केवल 14,900 किलोमीटर रेल पटरी बिछाई गई थी। उन्होंने कहा कि रेल पटरी बिछाने के काम में तेजी लाने के लिए पिछले वर्षों में अनेक अड़चनों को हटाया गया है। मोदी सरकार ने रेलवे के लिए दो लाख 52 हजार करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है।
श्री वैष्णव ने सदन में कहा कि सरकार इंटरनेट को सुरक्षित बनाने और डीपफेक जैसी गंभीर समस्याओं से निपटने के लिए इंटरमीडियरी रूल्स में संशोधन करने जा रही है। इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म को भी इस मामले अपनी जिम्मेदारी को समझ कर उसका निर्वहन करना होगा। दरअसल शिव सेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने देश में अनेक लोगों के फोन पर आए एप्पल कंपनी के संदेश का हवाला देकर कहा कि उनके फोन पर भी इस तरह का संदेश आया था और उन्होंने मंत्री महोदय को इसकी शिकायत की थी लेकिन चार महीने हो चुके इस बारे में कुछ नहीं हुआ। श्री वैष्णव ने कहा कि इस तरह की शिकायतों के लिए संस्थागत तंत्र है, जो इनका समाधान करता है। उन्होंने कहा कि इस समस्या के लिए इस तंत्र के साथ सहयोग करना होगा। आप को अपने फोन की जांच करानी होगी। यदि व्यक्ति जांच में सहयोग करेगा तब सच्चाई सामने आ सकेगी। पशुपालन और डेयरी मंत्री परूशोत्तम रूपाला ने बताया कि देश भर में 13 हजार करोड़ रूपये की लागत से समूचे पशुधन के लिए टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पशुधन में बीमारियों के बचाव के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस टीकाकरण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक चला रही है। ओडिशा में पशु चिकित्सालय विश्वविद्यालय खोले जाने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह का विश्वविद्यालय खोलने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है।

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