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भूमाफिया से पीड़ित अब भी काट रहे है कोर्ट और थाने के चक्कर

आधा दर्जन से अधिक पीड़ितों ने बताई अपनी परेशानी, पुलिस नहीं कर रही उन्हें राहत दिलाने के प्रयास

भोपाल। जमीनो से संबधित कई मामलो के फरार चल रहे आरोपी हरीश शर्मा से पीड़ित कई परिवार अब भी न्याय के लिये पुलिस थानो और अदालत के चक्कर काट रहे है। आदतन ठग हरीश शर्मा के जाल मे फसंकर अपनी मेहनत की कमाई गंवाने वाले परिवार पुलिस कार्यवाही को लेकर भी खासे नाराज है। थाना पुलिस सहित आला अफसरो को शिकायत करने के बाद भी जहॉ उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, वही कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर भी लापरवाही बरतते हुए पुलिस की तरफ से कोई पक्ष ही नहीं रखा जा रहा। जमीन फर्जीवाड़े के कई मामलों में फरार भूमाफिया के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक पीड़ितों ने अपनी परेशानी पत्रकार वार्ता के जरिए बताते हुए सरकार से उचित कार्यवाही किये जाने की मांग की है। जालसाज के कारनामो के खुलासे के लिए पीड़ितो ने एमपी नगर स्थित एक रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता आयोजित की थी। प्रत्रकार वार्ता के दौरान कोहेफिजा में रहने वाले राजेश सुखवानी ने बताया कि उनका शाहपुरा स्थित महाकाली सोसायटी में मकान है। जिस पर भूमाफिया हरीश शर्मा ने जबरिया कब्जा कर रखा है। उनका कहना है कि हरीश शर्मा के खिलाफ भोपाल कोर्ट में दो दर्जन से अधिक मामले विचाराधीन है। उसकी ठगी के मामलों की जानकारी निकालने के लिए जब सुखवानी ने आरटीआई के जरिये जानकारी जेल विभाग से जानकारी मांगी तब वह यह जानकर हैरान रह गये की हरीश का निवास भाजपा कार्यालय के पते पर है। इसके बाद उन्होंने भाजपा कार्यालय में भी लिखित में शिकायत की थी। राजेश सुखवानी ने आगे कहा कि उनके साथ ही अन्य पीड़ित हरीश शर्मा के खिलाफ दर्जन भर से अधिक बार पुलिस के आला अफसरों को लिखित शिकायत कर चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी शाहपुरा थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि हरीश शर्मा महाकाली सोसायटी के मकान को हड़पने के लिए फर्जी अनुबंध पत्र बनाए हुए हैं। जिसको जब्त करके एफआईआर दर्ज करने की मांग पीड़ित कर रहे हैं। थाना पुलिस द्वारा सुनवाई न होने पर राजेश सुखवानी ने कोर्ट की शरण लेते हुए निजी परिवाद अदालत में दायर किया है। लेकिन वहां पुलिस की तरफ से कोई पक्ष ही नहीं रखा जा रहा। पत्रकार वार्ता में शामिल अन्य पीड़ित रमेश गौर ने बताया की उनकी पत्नी फूलवती गौर का जालसाज हरीश शर्मा के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। इसी विवाद के कारण साल 2012 में उनकी पत्नि की मौत हुई थी। इस मामले में पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया था, जिसमें आरोपी हरीश शर्मा और उसके परिजन शामिल थे। इसी तरह लाल बहादुर सिंह ने बताया कि उसे हरीश शर्मा ने बेचा हुआ प्लॉट का सौदा किया। विरोध करने पर उसने साढ़े चौदह लाख रुपए का चैक दिया जो कि बाउंस हो गया। वहीं मोहम्मद इस्लाम अंसारी ने बताया कि प्लॉट बेचने के नाम पर दो दशक पूर्व 50 हजार रुपए हरीश शर्मा ने लिए थे। उसके खिलाफ अदालत में प्रकरण दर्ज करने के लिए आवेदन दिया तो हरीश शर्मा ने डेढ़ लाख रुपए देने का समझौता किया। अब तक पैसा नहीं मिला जिसके बाद आज तक वह पुलिस थाने और कोर्ट के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

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