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विजय दिवस अमर शहीदों के प्रति कृतज्ञता का दिन है – डॉ. गुहा

भारतीय सशस्त्र सेनाओं की बहादुरी और बलिदान की भावना के प्रति सम्मान व्यक्त के लिए कार्यक्रम राष्ट्र चिंतन का आयोजन

इन्दौर । उन्नत एसोसिएशन द्वारा स्थानीय एसजीएसआईटीएस महाविद्यालय परिसर में 16 दिसंबर 1971 विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्र चिन्तन कार्यक्रम में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धों में भारत की जीत व वर्ष 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की बहादुरी और बलिदान की भावना के प्रति सम्मान व्यक्त किया गया। कार्यक्रम आयोजक उन्नत एसोसिएशन के अशोक अधिकारी के अनुसार विजय दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ. सुब्रतो गुहा के साथ वीर सेनानी रिटायर्ड एयर मार्शल हरीश मसंद ( वीर चक्र ), रिटायर्ड कर्नल मनोज बर्मन, रिटायर्ड लेफ़्टिनेंट कर्नल हरबंस सिंह संधु व रिटायर्ड फ्लाइट इंजीनियर डॉ. साँवरलाल शर्मा ( जलसेना ) विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. सुब्रतों गुहा ने अपने उद्बोधन में बताया कि 1972 के शिमला समझौते में कैसे भारत ने जंग में जीती 15000 वर्ग किलोमीटर जमीन और पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को छोड़ा, किंतु भारत ने उस समय पाकिस्तान द्वारा पकड़े गए 54 भारतीय सैनिकों को वापस लाने की मांग भी नहीं की।
रिटायर्ड एयर मार्शल हरीश मसंद ने कहा कि 1971 की लड़ाई में 2 दिन में भारतीय वायुसेना ने एयर सुपिरियोरिटी हासिल करने के साथ ही गवर्नर हाउस पर एयर स्ट्राइक भी की। रिटायर्ड कर्नल मनोज बर्मन ने मातृ शक्ति की ताकत के बारे में बताते 1971 के समय की सैन्य डिप्लोमेसी के बारे में बताया और उपस्थित समाज जनो से सेना में सैनिकों की कमी को भरने हेतु आव्हान किया। उन्होंने कहा कि सेना है इसलिए भारत के नागरिक सुरक्षित हैं। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हरबंस सिंह संधु ने बताया कि उनकी रेजीमेंट ने 1971 की लड़ाई में कैसे अपनी जिम्मेदारी निभाई थी। अमृतसर स्थित तत्कालीन कमांड सेंटर पर स्थित रडार की रक्षा का कार्य किया एवं कैसे एंटी एयरक्राफ्ट गन से पाकिस्तानी हवाई जहाजों को मार गिराते हुए पाकिस्तानी पायलटो को पकड़ा। रिटायर्ड फ्लाइट इंजीनियर सांवरलाल शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश में हुई राजनैतिक उथल पुथल के बाद 1 करोड़ शरणार्थी भारत आए थे उसके बाद उनको सेवा देने में स्वयंसेवकों ने साथ वे खुद भी सेवा कार्य में शामिल थे जिसके पश्चात ही उनको सेना में जाने की प्रेरणा मिली थी। कार्यक्रम का संचालन राहुल लोदवाल व मनजीत संधु गर्ग ने किया आभार अखिलेश नेमा व अंकित बसेर ने माना।

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