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6 बार सीएम रहे वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य प्रतिमा नहीं लगा पाए, दुखी हुए और मंत्री पद त्याग दिया
शिमला। कांग्रेस में अपना जीवन खपाने वाले 6 बार के मुख्यमंत्री वीरभ्रद्र सिंह के योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। राज्य के मुखिया होने के नाते उनके एक नहीं कई उल्लेखनीय कार्य हैं। लोग उनके कामों का अनुसरण करें इसके लिए उनकी एक प्रतिमा लगाई जाना चाहिए। इसके लिए उनके बेटे और राज्य के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कई बार दो गज जमीन की मांग रखी लेकिन उन्हे सफलता नहीं मिल पाई। इससे विक्रमादित्य लंबे समय से नाराज थे। इसी बीच खबर आई की कांग्रेस विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी है। विक्रमादित्य को भी अपनी नाराजगी जाहिर करने का मौका मिल गया और उन्होंने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
बुधवार को शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी ही सरकार हमला बोला और पद से इस्तीफा का ऐलान कर दिया। इस दौरान विक्रमादित्य सिंह भावुक हो गए और रोते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि मेरे पिता जी की मूर्ति लगाने के 2 गज जमीन मिली नहीं. विक्रमादित्य सिंह का मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कहा कि भविष्य पर फैसला अपने लोगों से बातचीत करके लिया जाएगा। बता दें कि 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह हैं।शिमला में मीडिया से बातचीत में पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कह कि जो सरकार की कार्यप्रणाली रही है, सबके सामने है। अपनी नाराजगी को लेकर उन्होंने कहा कि लगातार हाईकमान के सामने उठाया। मगर, कोई सरोकार नहीं हो पाया। जिस तरह से एक्शन लेना चाहिए था, वो नहीं लिया गया। इसी वजह अब जो हालत अभी बने हैं, उसके लिए जिम्मेदार है। मंत्री ने कहा कि यहां से आगे कैसे बढ़ेंगे, यह समय बताएगा। मैं पार्टी का अनुशासित मैंबर हूं।
अहम बात यह है कि युवाओं को यह एहसास होना चाहिए कि सरकार उनके साथ खड़ी है। जिस तरह से यह घटनाक्रम हुआ है। उससे मुझे काफी दुख हुआ है। मैंने हाईकमान का सम्मान किया है। मुझसे एक साल में जो हो सका, वो किया। पूरी मजबूती के साथ सरकार और सीएम का साथ दिया। जिस तरह की व्यस्था पिछले एक साल के अंदर सरकार के अंदर रही है, उसमे जो घटनाक्रम हुए हैं ,उसमे विधायकों के साथ कही न कही अनदेखी हुई है। विधायकों की आवाज़ को दबाने की कोशिश की गयी है। हाल ही में मेरे विभाग के अफसरों को नोटिस भेजे गए हैं। यह जानबूझकर किया गया है। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मैं किसी दबाव में नहीं है। मुझे लक्ष्मण रेखा का पता है। मैं राजनीति में हूं। सही का समर्थन और गलत का विरोध करूंगा और इसी राह पर आगे चलूंगा।