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मालवा के इंदौर ,उज्जैन और देवास जिले में एक लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध

जल संसाधन मंत्री ने की ई.आर.सी.पी. परियोजना की समीक्षा

 ग्वालियर – चंबल क्षेत्र के 6 जिले की 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र लाभान्वित होंगा।
भोपाल .  जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने जल संसाधन विभाग की अंतर्राज्यीय ई. आर. सी. पी. परियोजना की मंत्रालय स्थित अपने कक्ष में समीक्षा बैठक ली।
मंत्री श्री सिलावट ने कहा की प्रदेश के मालवा और ग्वालियर चंबल क्षेत्र के लिए यह परियोजना महवपूर्ण है इसके लिए कार्योजना समय पर बनाकर प्रस्तुत करना होंगी। इससे संबंधित सभी काम समयबद्धता से पूर्ण करे।
मंत्री ने बैठक में निर्देश दिए की परियोजना से संबंधित एम.ओ.यू. का प्रारूप 01 सप्ताह में तैयार किया जावे एवं इसमें मध्यप्रदेश के हितों का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जावे। बैठक में प्रमुख सचिव,श्री मनीष सिंह एवं प्रमुख अभियंता श्री शिशिर कुशवाह उपस्थित रहे ।
बैठक में परियोजना के संबंध में विस्तृत जानकारी भी दी गई।
बैठक में बताया गया की परियोजना के अंतर्गत कूनो नदी पर 564 मि.घ.मी.क्षमता के श्रीमंत माधवराव सिंधिया कॉम्पलेक्स (06बाँध) का निर्माण प्रस्तावित है, 
जिससे 2,04,670 हे. क्षेत्रमें सिंचाई एवं 38 मि.घ.मी. पेयजल एवं उद्योगों हेतु आरक्षित होने से प्रदेश के शिवपुरी, ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, श्योपुर एवं गुना जिले लाभांवित होंगे।
 परियोजना अंतर्गत पार्वती नदी पर 182 मि.घ.मी. क्षमता
के कुम्भराज बाँध कॉम्पलेक्स का निर्माण होना है।
जिससे पेयजल हेतु 10 मि.घ.मी. पेयजल को आरक्षित
किये जाने के साथ 54,000 हे. क्षेत्र में सिंचाई की
जावेगी। 
इसके साथ ही कालीसिंध नदी पर कुण्डालिया बाँध
के अपस्ट्रीम में 179 मि.घ.मी. क्षमता का रणजीत सागर
बाँध का निर्माण किया जाना है। जिससे 53,700 हे.
क्षेत्र में सिंचाई की जावेगी। 
इसके अतिरिक्त कालीसिंध उप बेसिन की लखुंदर सहायक नदी पर लखुंदर बैराज का निर्माण कर 330 मि.घ.मी. जल बैलेंसिंग रिजवर्यर के माध्यम से गांधी सागर बांध में अंतरण कर प्रतिस्थापन के आधार पर ऊपरी चंबल कछार में
प्रस्तावित 07 बांध सोनचिरी, रामवासा, बचौरा, पदुनिया,
सेवरखेड़ी, चितावद एवं सीकरी सुलतानपुरा का निर्माण किया जाएगा 
मालवा क्षेत्र में एक लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
  जिससे प्रदेश के उज्जैन, इंदौर एवं देवास जिले लाभांवित होंगे। जल आभाव ग्रस्त मालवा क्षेत्र में 1 लाख हे. सिंचाई
एवं पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। इससे मालवा के कम पानी वाले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए अतिरिक्त रूप से पानी भी उपलब्ध होंगा।

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