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मध्यप्रदेश और राजस्थान में जल संसाधन का उपयोग होगा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से चंबल-पार्वती-कालीसिंध की जल-धाराओं का मध्यप्रदेश और राजस्थान में उपयोग किया जाएगा। दोनों राज्यों के बीच पारियोजना के क्रियान्वयन के लिए एमओयू हुआ है। इस समझौते के कारण, मुरैना, ग्वालियर, श्योपुर, राजगढ़ सहित 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाई जा सकेंगी। इस योजना का मूल्यांकन 72 हजार करोड़ रुपये है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्घाटन के अवसर पर कहा, “यह नवाचार है साथ ही हमारे देश की संघीय भावना का प्रकटीकरण भी है।” उन्होंने पार्वती-कालीसिंध-चम्बल अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए संयुक्त पहल को संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अनुस्मारक में डीप प्रज्जवलित किया और नदियों के पावन जल को कलश में समाहित किया।

उन्होंने जोड़ा, “राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच जल समस्या के हल से पर्यटन के क्षेत्र में भी विकास की बड़ी संभावनाएं हैं। विशेष रूप से चंबल, श्योपुर और रणथंभोर में पर्यटन की संभावना अधिक है।”

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस योजना की महत्वपूर्णता पर बल दिया और कहा, “मध्यप्रदेश और राजस्थान की इस योजना को प्रधानमंत्री श्री मोदी की भावना को मूर्तरूप देने का प्रयास किया है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस परियोजना से दोनों प्रदेशों की उन्नति होगी और दोनों राज्यों के बीच आपसी रिश्ते सुदृढ़ होंगे।

मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि यह परियोजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और कृषि क्षेत्र में वृद्धि होगी। उन्होंने इसके अलावा वन्य जीवों की सुरक्षा और पर्यटन और रोजगार आधारित उद्योगों के बढ़ावे की बात की।

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