हम सब ने बांटा एक दूसरे को प्यार,,0अब क्या कहूँ इस विषय में यही तो है हमारा रा. से. यो. परिवार
भोपाल । सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय की “राष्ट्रीय सेवा योजना” इकाई द्वारा सात दिवसीय विशेष शिविर के द्वितीय दिवस की शुरुआत प्रभात फेरी से हुई। जिस दौरान उन्होंने राम जी के भजन गाए । इसके पश्चात् स्वयंसेवकों द्वारा पी.टी करवाई गई साथ ही कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंजुला विश्वास द्वारा योग कराया गया। इसके पश्चात् शिविर के द्वितीय दिवस में वरिष्ठ स्वयंसेवक सुश्री आंचल शर्मा द्वारा कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंजुला विश्वास से ध्वजारोहण की अनुमति ली गईं, उपरांत शिविर नायिका सुश्री रितु राजा द्वारा वरिष्ठ स्वयंसेवक सुश्री आंचल शर्मा से ध्वजारोहण के लिए अनुमति लेने उपरांत सभी स्वयंसेवकों के लीडर्स के साथ ध्वजारोहण किया गया। इसके उपरांत शिविर नायिका द्वारा सभी समूहों को परियोजना कार्य दिए गए।। बौद्धिक सत्र में शिविर का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथियों में डाॅ. खेम सिंह डहेरिया (कुलपति,अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय ) , कुलसचिव डाॅ शेलेन्द्र कुमार जैन (कुलसचिव), डाॅ. सुधीर कुमार गुप्ता (विज्ञान पुस्तकालय विभागाध्यक्ष), डाॅ. सैरभ खरे (रा. से. यो. कार्यक्रम अधिकारी) द्वारा किया गया । साथ ही रा.से.यो स्वयंसेवक रूचि साहू को बौद्धिक सत्र में अध्यक्ष के लिए चुना गया । बौद्धिक सत्र का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना से किया गया, उपरांत स्वयंसेवकों द्वारा लक्ष्य गीत किया गया। सभी अतिथियों ने शिविर के लिए शुभकामनाएं दी एवं राष्ट्रीय सेवा योजना से जड़ने के महत्व को समझाया | एवं सभी स्वयंसेवको को राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित भी किया । इसके उपरांत अथितियों को हस्तनिर्मित प्रतीक चिन्ह प्रदान किए गए। राष्ट्रगान के साथ बौद्धिक सत्र का समापन किया गया।सायं काल में सभी स्वयंसेवको को रा.से.यो के विभिन्न खेलकूद कराया गया । जिसमें कितने भाई कितने, नेता नेता चाल बदल, रूमाल झपट्टा, ऐसे कैसे आदि खेल खिलाए गए । इसके उपरांत सायं काल में राम स्तुति एवं दया कर दान विद्या का प्रार्थना कराई गई।*इसके पश्चात सभी समूहों द्वारा सांस्कृतिक विधाओं की प्रस्तुति दी गई । जिसमें नृत्य, नाट्य, गीत, कव्वाली की प्रस्तुति दी गई । अंत में पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता कराई भी कराई गई , जिसका विषय था -“मतदाता जागरूकता ।