Uncategorized

कौन हैं सतनाम सिंह संधू, जिन्हें राष्ट्रपति ने किया राज्यसभा के लिए मनोनीत

उपराष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी बधाई

नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सतनाम सिंह संधू को संसद के उच्च सदन राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (1) के उप-खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग कर राष्ट्रपति संधू को परिषद में नामित करते हुए प्रसन्न हैं। राज्यों को नामांकित सदस्यों में से एक की सेवानिवृत्ति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए जारी एक आधिकारिक परिपत्र पढ़ा गया। भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संधू को बधाई दी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लिखा कि मैं राज्यसभा के लिए श्री संधू के नामांकन का स्वागत करता हूं। सामुदायिक सेवा में उनका समृद्ध कार्य और शिक्षा, नवाचार और सीखने के प्रति उनका जुनून राज्यसभा के लिए ताकत का बड़ा स्रोत होगा। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सतनाम सिंह संधू को बधाई दी। उन्होंने कहा कि संधू एक प्रख्यात शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति जी ने सतनाम सिंह संधू जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सतनाम जी ने खुद को एक प्रसिद्ध शिक्षाविद् और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में प्रतिष्ठित किया है, जो विभिन्न तरीकों से जमीनी स्तर पर लोगों की सेवा कर रहे हैं।
कौन हैं सतनाम सिंह संधू?
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संधू भारत के प्रमुख शिक्षाविदों में से एक हैं। वह पंजाब के एक किसान के बेटे हैं। वह एक कृषक भी हैं। संधू ने 2001 में मोहाली के लांडरां में चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज (सीजीसी) की स्थापना की। 2012 में, उन्होंने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की स्थापना की। उनका प्रारंभिक जीवन कठिनाइयों से भरा था। उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए संघर्ष किया। अपने कठिन बचपन के कारण, वे बाद में जीवन में एक कट्टर परोपकारी बन गए। वह अक्सर छात्रों की आर्थिक मदद करते रहते हैं। वह जनता के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के सामुदायिक प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। वह देश में सांप्रदायिक सद्भाव को आगे बढ़ाने के लिए दो गैर सरकारी संगठन इंडियन माइनॉरिटीज फाउंडेशन और न्यू इंडिया डेवलपमेंट (एनआईडी) फाउंडेशन चलाते हैं।

Related Articles