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महिला एवं बाल विकास अधिकारी पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार
– 10 हजार रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगा था
-अधिकारी निर्भीक होकर खुलेआम रिश्वत लेने से कतरा नहीं रहे
टीकमगढ़ | केन्द्र एवं प्रदेश की सरकार कितने भी कठोर कानून क्यों न बना ले मगर भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में हर वर्ष दो से तीन अधिकारी या कर्मचारी लोकायुक्त के हाथों रिश्वत लेते हुए दबोचे जाते हैं इसके बावजूद भी अधिकारी निर्भीक होकर खुलेआम रिश्वत लेने से कतरा नहीं रहे हैं। मंगलवार को ऐसा ही मामला वर्ष 2024 के शुरू होते ही दूसरे दिन देखने को मिला है जब महिला बाल विकास विभाग की महिला अधिकारी ने अपने ही विभाग में पदस्थ संविदा कर्मचारी दूसरी महिला से रिश्वत लेने का सामने आया है जिसे सागर से आई लोकायुक्त पुलिस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर उसके विरूद्ध कार्यवाही की है। लोकायुक्त की कार्यवाही से महिला बाल विकास विभाग में लंबे अरसे से पदस्थ एक नामचीन कर्मचारी जिनके द्वारा विभाग का संचालन अपने मनमाफिक तरीके से किया जाता है अधिकारी यहां कोई भी रहे लेकिन उक्त कर्मचारी के रूतबे में कोई कमी नहीं आती है मंगलवार को वह भी सहमे-सहमे रहे हैं ऐसा सूत्रों का मानना है।
मंगलवार को लोकायुक्त टीम सागर ने छापामार कार्रवाई करते हुए महिला व बाल विकास अधिकारी रचना बुदोलिया को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथ पकड़ लिया है। महिला व बाल विकास अधिकारी ने संविदा पर्यवेक्षक से वेतन निकालने और संविदा अनुबंध बढ़ाने के एवज में 10 हजार की रिश्वत मांगी थी। इस संबंध में जानकारी देते हुए लोकायुक्त उप पुलिस अधीक्षक मंजू सिंह ने बताया कि महिला व बाल विकास विभाग में पदस्थ संविदा पर्यवेक्षक नेहा यादव ने मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने महिला व बाल विकास अधिकारी रचना बुदोलिया पर वेतन निकालने और संविदा अवधि बढ़ाने के लिए 10 हजार रुपए रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। शिकायत के आधार पर निरीक्षक रणजीत सिंह को मामले की जांच सौंपी गई। इस दौरान नेहा यादव ने बताया कि रिश्वत के 5 हजार रुपए उन्होंने पहले दे दिए थे। आज शेष पांच हजार रुपए लेकर वह रचना बुदोलिया को देने जिला जेल के सामने स्थित उनके आवास पर गई थी।
उन्होंने जैसे ही रिश्वत की राशि महिला व बाल विकास अधिकारी को दी तो तत्काल ही लोकायुक्त टीम ने छापा मारकर रचना बुधोलिया को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद लोकायुक्त टीम महिला व बाल विकास अधिकारी को पूछताछ के लिए जिला जेल के सामने स्थित दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में ले कर पहुंची।
जहां लोकायुक्त टीम ने पूछताछ के बाद रचना बुदोलिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त अप पुलिस अधीक्षक मंजू सिंह, निरीक्षक बीएम द्विवेदी, रोशनी जैन, प्रधान आरक्षक शफीक, आरक्षक संजीव अग्निहोत्री, राघवेंद्र, सुरेंद्र प्रताप मौजूद रहे।