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शिवपुरी के केंद्रीय विद्यालय में हुआ जिज्ञासा कार्यक्रम अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन

छात्रों ने वैज्ञानिकों से पूछा- अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्री कैसे जीवित रहते हैं ?

एलकेंद्रीय विद्यालय शिवपुरी के विद्यार्थियों ने वैज्ञानिकों से पूछी अपनी जिज्ञासा
शिवपुरी। सीएनजी का भविष्य क्या है? अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्री कैसे जीवित रहते हैं ? नैनो तकनीक क्या है? हाइब्रिड वाहन क्या हैं तथा इनका भविष्य क्या है ? नवीकरण योग्य ऊर्जा स्रोत का क्या भविष्य है ? क्या होगा यदि पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल समाप्त हो जाए ? ऐसे सैकड़ों प्रश्नों की झड़ी लगा दिया केंद्रीय विद्यालय शिवपुरी के छात्रों ने । अवसर था जिज्ञासा कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला जिसमें सीएसआईआर भोपाल के साइंटिस्ट विद्यार्थियों की जिज्ञासा का समाधान कर रहे थे।
   कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन से हुआ।विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य एम एम मिश्र ने अतिथियों का ग्रीन वेलकम किया तथा कार्यशाला हेतु शिवपुरी विद्यालय का चयन करने हेतु सीएसआईआर एवम उपायुक्त केवीएस भोपाल संभाग के प्रति आभार व्यक्त किया। स्वागत भाषण वरिष्ठ शिक्षक इरफान अहमद अंसारी ने किया।
  सीएसआईआर के प्रधान वैज्ञानिक एवं जिज्ञासा कार्यक्रम के समन्वयक डॉ सतानंद मिश्र ने जिज्ञासा कार्यक्रम पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में सीएसआईआर के योगदान पर चर्चा किया।उन्होंने बताया की जिज्ञासा की शुरुआत 2007 में की गई।भारत ने सुपर कंप्यूटर बनाकर इतिहास रच दिया। मंगलयान ,अंतरिक्ष में 155 सेटलाइट भारत ने भेजे हैं।विज्ञान हमारे जीवन के हर क्षेत्र से जुड़ा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्ट प्रोजेक्ट बनाकर भारत के सर्वोच्च 200 विद्यार्थियों में स्थान प्राप्त करने हेतु कक्षा दसवी के छात्र आयुष धाकड़ को प्रमाणपत्र से सम्मनित करने के पश्चात वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर एस मुरली ने पर्यावरण के विषय में विस्तृत प्रकाश डाला तथा एनिमल वेस्ट को उपयोगी बनाने पर चर्चा की । प्रधान वैज्ञानिक डॉ गौरव गुप्ता एवम अन्य वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देकर विद्यार्थियों की जिज्ञासा को शांत किया । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शिक्षक राजीव कुमार पांडेय एवम धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ शिक्षक आरके सिंह ने किया।

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